दोनों हाथ कटे बुजुर्ग की सोई अवस्था में गोली मारकर हत्या

हरनौत : मूंछ की लड़ाई में चेरो ओपी क्षेत्र के खरुआरा गांव निवासी 65 वर्षीय भज्जू यादव की हत्या कर दी गई। रविवार देर रात स्वजनों ने देखा कि भज्जू की मौत हो गई है। उसके सीने में गोली मारी गयी है। स्वजनों ने शोर मचाया और अपने विरोधियों के नाम लेकर कहने लगा कि इन्हीं लोगों ने मिलकर हत्या कर दी। इसकी सूचना पुलिस को देकर हत्या का आरोप भज्जू यादव के विरोधी अशोक यादव के पक्ष के 17 लोगों को नामजद किया गया है। भज्जू यादव शारीरिक तौर पर लाचार थे। आठ साल पहले थ्रेसिग करने के दौरान उनके दोनों हाथ कट गए थे। उसके बाद वह लकवाग्रस्त हो गए। चीनी की बीमारी भी घर गया। उनका शरीर शिथिल जैसा हो चला था। इसलिए यह हत्याकांड ग्रामीणों एवं पुलिस की नजर में खटक रहा है।

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शंकर यादव हत्याकांड में भज्जू के दो पुत्र हैं नामजद, दोनों चल रहे फरार
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याद दिला दें कि बीते साल तीन अगस्त को शंकर यादव की हत्या दोनों पक्ष में हुए झगड़े के दौरान गोली मार कर की गई थी। शंकर यादव हत्याकांड में भज्जू यादव के तीन पुत्रों में दो नामजद हैं और दोनों फरार चल रहे हैं। भज्जू यादव हत्याकांड में उन लोगों को भी नामजद किया गया है, जो शंकर यादव हत्याकांड के पक्ष से गवाह थे। एफआईआर भी शंकर यादव हत्याकांड की तर्ज पर ही अंकित कराया गया है। इस तरह दोनों पक्षों से अबतक दो-दो लोगों की जान मूंछ की लड़ाई में जा चुकी है।
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लकवाग्रस्त भज्जू हत्याकांड से हतप्रभ हैं ग्रामीण, साजिश की आ रही बू
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खरुआरा के ग्रामीण भज्जू यादव की हत्या से हतप्रभ हैं। ओपी पुलिस भी सबकुछ समझ रही है। ग्रामीणों को आश्चर्य इस बात को लेकर है कि दुश्मनी साधने के लिए कोई ऐसे व्यक्ति की हत्या क्यों करेगा, जो लकवाग्रस्त और शिथिल हो चुका है। ग्रामीणों व पुलिस को भी इस घटना में साजिश की बू आ रही है।  दूसरी बात यह कि इस कांड में 17 लोगों को नामजद किया गया है। सवाल उठता है कि इतने लोग मिलकर उस व्यक्ति को मारने क्यों आएंगे, जो हाथ-पैर हिलाने में भी असमर्थ हो। तीसरी बात यह कि इस कांड में उन गवाहों के भी नाम हैं, जिन्होंने शंकर यादव हत्याकांड के पक्ष से गवाही दी है। तो क्या नौ महीने पहले हुए शंकर हत्याकांड में नामजद भज्जू यादव के दोनों पुत्रों ने मामले को बैलेंस करने के लिए साजिश रच दी? फिलहाल, पुलिस सभी बिदुओं पर जांच में जुटी है।
Posted By: Jagran
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